5 Essential Elements For baglamukhi shabar mantra
5 Essential Elements For baglamukhi shabar mantra
Blog Article
Benefits: Chanting this mantra with concentration and deep devotion helps just one prevail over obstacles, defeat enemies, and accomplish achievements.
The Baglamukhi Mata Puja is performed to seek her blessings and defense from negative energies and enemies. The puja is thought to possess the ability to remove road blocks and produce success in lawful matters.
When the initiation rites are executed through the Guru, that elusive animal address is completely damaged and also the disciple is aware about the inherent divine ability.
Mastery inside a job can only be realized via a Expert. Mastery means efficiency. Just like someone needs to build an idol, then He'll do the operate of that idol who's proficient During this artwork as well as the learners want to know the talent of idol from him.
Human beings are at risk of quite a few challenges and fears in life. The answer to all of these can be found from the initiation of Maa Baglamukhi.
Baglamukhi or Bagala is a crucial deity among the 10 Mahavidyas worshipped with good devotion in Hinduism. The final word benefit of worshipping Baglamukhi clears the illusions and confusions from the devotees and provides them a clear route to proceed in everyday life.
ॐ मलयाचल बगला भगवती महाक्रूरी महाकराली राजमुख बन्धनं ग्राममुख बन्धनं ग्रामपुरुष बन्धनं कालमुख बन्धनं चौरमुख बन्धनं व्याघ्रमुख बन्धनं सर्वदुष्ट ग्रह बन्धनं सर्वजन बन्धनं वशीकुरु हुं फट् स्वाहा।
उत्तर: धैर्य रखकर नियमित जप करने पर धीरे-धीरे लाभ देखने को मिलता है।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद स्वाहा॥
भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में get more info घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।
इस प्रकार के तमाम चमत्कारों को देखते हुए तंत्र साधना मे विशेष शत्रू को दण्ड देने के लिए इन मंत्रों की रचनाएं की और इनके प्रभाव भी विशेष प्रभाव शाली है। वहीं अगर अन्य तंत्र मंत्र की वात की जाये तव वह सब मत्रं और तंत्र ऋषि महर्षियों नें ही मंत्रों की रचनायें की है। तब से अब तक यह विशेष प्रभाव शाली है। नाथों में यह मत्रं शाबर मत्रं विशेष प्रभाव शाली है जो की बड़े से बड़े शत्रु संघारक प्रयोग करने में सक्षम है; शाबर मत्रं वाक़ई चमत्कारी है।
ॐ ह्ल्रीं भयनाशिनी बगलामुखी मम सदा कृपा करहि, सकल कार्य सफल होइ, ना करे तो मृत्युंजय भैरव की आन॥
महादेव और पार्वती ने ही मनुष्यों के दुख निवारण हेतु शाबर मंत्रों की रचना की। शाबर ऋषि व नव नाथों ने भी कलियुग में मनुष्यों के दुखों को देखते हुए की व सहज संस्कृत ना पढ़ पाने के कारण भी है, आँख की पीड़ा-अखयाई ,कांख की पीड़ा -कखयाइ, पीलिया, नेहरूआ, ढोहरूआ, आधासीसी ,नज़र भूत प्रेत बाधा से मुक्ती हेतु ही की थी जिससे उपचार में विशेष सहायता प्राप्त हुई और रोगी का ततछण आराम मिल जाता है। आज भी झाड़ा लगवाने कुछेक असाध्य रोगों के विशेष प्रभाव शाली है,
शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।